jain monk yogindra sagar ji maharaj
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Jainism : Digambar Jain Acharya. Yogeenndra Sagar Ji Maharaj. Sheetal Tirth, Ratlam. vivekanand jain, BHU ppt of vjain.TRANSCRIPT
108 Acharya Shri Yogindra Sagar Ji Maharaj:
Digambar Jain Monk
Vinyanjali By
Dr. Vivekanand JainBanaras Hindu University
बा�ला�चा�र्य� र्य�गीन्द्र सा�गीर जी महा�र�जी का� व्यक्ति�त्व एव� का� ति�त्व काठो�र �प
अनु भव व चामत्का�र" सा# भर� हुआ हा&। व�ला�चा�र्य�
जी नु# स्वर्य� का# काठिठोनुप्रर्य�सा, त्र्य�गी एव� �पस्र्य�
सा# इ�नु ऋद्धि0 क्तिसाद्धि0 प्र�प्� का2 हा3। द्धिजीसाका�
उदद#श्र्य पर�पका�र हा हा&।
• Guru Yogi in Badrinath
(Ashtapad)
on 13th June 2008
सा�मा�जि�क सा�स्था�एँ
• नु#शनुला नु�नु- व�र्यला9सा र्य:तिनुटी< फा�उन्डे#शनु ट्रस्टी, उज्जै&नु• र�ष्ट्रीर्य र्य�गीन्द्र र्य व� परिरषद, उज्जै&नु• र्य�गी ठिदगीम्बार फा�उन्डे#शनु, म र&नु�• श्रमण सा�स्का� ति� न्र्य�सा, म र&नु�• श्र ठिदगीम्बार जी&नु अति�शर्य क्षे#त्र र्य�गीन्द्र तिगीरिर पठो
ट्रस्टी, सा�गीव�ड़ा�, र�जीस्था�नु• अहिंहाLसा� प्र#म साम�जी, र�ला�म
आठिदत्र्य आद#श
नु#शनुला नु�नु- व�र्यला9सा र्य:तिनुटी< फा�उन्डे#शनु ट्रस्टी, उज्जै&नु द्वा�र� तिनुर्यमिम� रूप सा# सामन्वर्य,साद�चा�र, सा�त्वित्वका�� का�
‘ ’ म�क्तिसाका सा�व�हाका आठिदत्र्य आद#श प्रका�क्तिश� हा� रहा हा&। ‘द्धिजीसाका� का शला तिनुदQशनु �था� सा�प�दनु डा�. ’ सातिव�� जी&नु
का# द्वा�र� तिकार्य� जी� रहा� हा&। इसा पतित्रका� का# म�ध्र्यम सा# बा�ला�चा�र्य� का# प्रवचानु, नुर्य# धा�र्मिमLका सा�तिहात्र्य का2
जी�नुका�र, श�धापरका ला#ख, कातिव��एX व अनु#का सा�म�द्धिजीका गीति�तिवमिधार्य" का2 जी�नुका�र प्र�प्� हा�� हा&।
Welcome to Sheetal Tirth
रा�ष्ट्री य वि�द्वत सा�गो�ष्ठी
• जी&नु म�त्र-��त्र- र्य�त्र व ज्र्य�ति�ष �था� जी&नु सा�धा ओं का2 भ:मिमका� , व�र�णसा , 2005
• ठिदगीम्बार जी&नु आगीम म9 भट्टा�रका पर�पर�, 2005• र्य�गीन्द्र सा�गीर द्वा�र� क्तिलाखिख� सा�तिहात्र्य, सा�नु�तिगीर,
दति�र्य�, म.प्र. 2006• र्य�गीन्द्र प ष्प��जीक्तिला: एका सा�तिहात्वित्र्यका म:ल्र्य��कानु,
महा�वर जी, र�जीस्था�नु, 2007
Sanghast Jain Mandir
Acharya Charya
Muni Bachan
• जी&नु�चा�र्य� भद्रबा�हु स्व�म का2 रचानु� नुवग्रहा स्त्र�� का# बा�द बा�ला�चा�र्य� र्य�गीन्द्र सा�गीर जी द्वा�र� क्तिलाखिख� नुवग्रहा प:जी�
एव� चा�लासा� म9 उन्हा"नु# आगीम�नु सा�र जी&नु भगीव�नु" का# म�ध्र्यम द्वा�र� हा ग्रहा" का2 श��ति� का2 व्यवस्था� का2 हा&। साम�जी का� ठिदग्भ्रमिम� हा�नु# सा# बाचा�नु# का� प्रर्य�सा तिकार्य� हा&
सा�था हा का गी रू,का द#व, का श�स्त्र आठिद का� नु� प:जीनु# का# क्तिलार्य# भ काहा� हा&।
सा�तिहात्र्य एव� रचानु�र्य9• बा�ला�चा�य� य�गो�न्द्रसा�गोरा � माहा�रा�� द्व�रा� लिलाखि त सा�विहात्य
� राचाना�एँ बाहुत हा प्रभा��शा�ला , धमा� प्रभा��ना� क� बाढा�ना� ��ला तथा� सामा�� क� नाई दि.शा� प्र.�ना कराना� ��ला हा/।
आचा�य� श्री द्व�रा� अर्जि�5त ज्ञा�ना स्�कल्य�ण क� सा�था सा�था सामा�� कल्य�ण मा: भा उपय�गो हा� राहा� हा=। �� विक अन्य
सा�ध> सा�त मा>विनाय? क� लिलाय� आ.शा� � अना>कराण य लिसाद्ध हा� साकत� हा=।बा�ला�चा�य� � ना� स्�य� अध्ययना, मानाना � चिंचा5तना
सा� जि�सा ज्ञा�ना कC ऊचा�ईं क� प�य� हा= �हा उन्हा: स्�� क� कल्य�ण तथा� क� �ला ज्ञा�ना कC प्र�प्तिGत मा: साहा�यक लिसाद्ध
हा�गो�। तप त्य�गो, ज्ञा�ना, ��ण , मा�ध>य�, ��त्साल्य सा� भाक्तों? क� दि.ला? मा: उच्च स्था�ना प�ना� ��ला� पJज्य गो>रू�रा हामा साभा
श्रीद्ध�ला>ओं क� लिलाय� धमा� दि.��करा, ज्ञा�ना पथा प्र.शा�क हा/। आप क� सा�विनाध्य � आशा ���. क� ला�भा भाक्तों? क� स्�तN प्र�Gत हा�त� राहात� हा=।
ला#खनु
• बा�ला�चा�र्य� जी का2 ला#खनु तिनुर्यमिम� रूप सा# चाला� रहा� हा& और नुर्य# सा�तिहात्र्य का� सा�जीनु हा��� रहा�� हा&।
बा�ला�चा�र्य� द्वा�र� 100 सा# भ अमिधाका प स्�का9 / ग्रन्थ प्रका�क्तिश� हा� चा का# हा3। द्धिजीनुम9 प्रति�ष्ठा� प्रभ�कार, चा�Xदख#ड़ा
का� चा�दनु, व�स्� म���ण्डा, म �का सा�ध्र्य�, का�व्य प न्जी, श्रमण�चा�र र्य�गीन्द्र प ष्प��जीला, प द्गलाप र का� र�जी�, द<क्षे�
तिवमिधा, अनु#का तिवधा�नु रचानु�एX, सा�स्का� � भ�ष� का2 रचानु�एX आठिद प्रम ख हा3।
Last week of Life
• Suffering from Health due to high Diabetes.
• Not taking food for 4-5 days.
• Decide for Samadhi.
• Samadhimaran at 12.10 Noon on 18th March 2012 at Sagwada (Rajasthan)
Ashthi Kalash @ Sheetal Tirth
Vinyanjali By Pt. Dev Kumar Ji
Organising of Vinyanjali Sabha by
Dr. Anupam Jain & Dr. Sanjiv Saraf
Vinyanjali By Dr. Savita Jain and request for support
Vinyanjali :Sarva Dharam Sabha
Future Plan
1. Kailash Parwat
2. Guru Mandir
3. Over all development of sheetal tirth.
4. Service to Local Society.
5. Service to Jain Monk.
6. Guru Mandir @ Samadhi Sthal, Sagwada (Rajasthan)
Contact to:
• Dr. Savita Jain
Director, Sheetal Tirth
Ratlam (M.P.)
From : Dr. Vivekanand Jain (Guru Yogi Bhakt)
Deputy Librarian, BHU, Varanasi – 221005
Mob. 9450538093